Monday, January 19, 2015

Bheedh


दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे,
जब बरसी ख़ुशियाँ  न जाने भीड़ कहां से आ गयी..

Fakira.....


मैं फकीरों से भी सौदा करता हूँ अक्सर जो एक रुपये में लाख दुआएं देता है..

Tum...


"मत बताओ कि कब घर से निकलोगे तुम ,
चाँद छुप जायेगा हम समझ जायेगें...!"